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कम्प्यूटर की पीढ़ीयाँ

 कंम्यूटर का शुरूआती दौर में आज के तरह कंम्यूटर नहीं थे, शुरूआत में बहुत बडें, भारी और मॅहगें कंम्यूटर हुआ करते थे। समय के हिसाब से कंम्यूटरो में कई बदलाव हुए, इन बदलवों से कंप्यूटरों की नई पीढीयों का जन्म होने लगा, हर पीढ़ी के बाद कंम्यूटर की आकार-प्रकार, कार्यप्रणाली एवं कार्यक्षमता में भी कई सुधार हुआ, तब जाकर आज के समय का कंम्यूटर का निर्माण हुआ। कंम्यूटर के इसी कालचक्र को अलग-अलग पीढियों में बाँटा गया है, जो इस प्रकार है :-

प्रथम पीढ़ी (First Generation) (1945-1955)

FIRST GENERATION COMPUTER

कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरूआत 1945 से मानी जाती है। इस जनरेशन में Vacuum Tube Technology का प्रयोग किया गया था। इसमें मशीन भाषा का प्रयोग किया गया था। इसमें मेमोरी के तौर पर चुम्बकीय टेप एवं पंचकार्ड का प्रयोग किया जाता था।

द्वितीय पीढी (Second Generation) (1955-1964)

SECOND GENERATION COMPUTER

द्वितीय पीढी की शुरूआत 1956 से 1964 तक मानी जाती है। इस पीढ़ी में Transistor का प्रयोग किया गया था | जिसका विकास Willom Shockly ने 1947 में किया था। इसमें असेम्बली भाषा का प्रयोग किया गया था। इसमें मेमोरी के तौर पर चुम्बकीय टेप का प्रयोग किया जाने लगा था।

तीसरी पीढी (Third Generation) (1964-1975)

THIRD GENERATION COMPUTER

कम्प्यूटर की तीसरी पीढ़ी की शुरूआत 1964 से मानी जाती है। इस जनरेशन में आई सी का प्रयोग किया जाने लगा था। IC का पूरा नाम Integrated Circuit है | IC का विकास 1958 में Jack Kilby ने किया था। इसमें IC Technology (SSI) का प्रयोग किया गया था । SSI का पूरा नाम Small Scale Integration है। इसमें हाई लेविल भाषा का प्रयोग प्रोग्रार्मिग के लिये किया जाता था। इसमें मेमोरी के तौर पर चुम्बकीय डिस्क का प्रयोग किया जाने लगा था।

चौथी पीढ़ी (Fourth Generation)

FOURTH GENERATION COMPUTER

कम्प्यूटर की चौथी पीढ़ी की शुरूआत 1975 से 1989 तक मानी जाती है। इस जनरेशन में आई सी की आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाने लगा था। IC की यह तकनीकी VLSI थी इसका पूरा नाम Very Large-Scale Integration हैं | इसमें हाई लेविल भाषा का प्रयोग प्रोग्रामिंग कि लिये किया जाता था।

पांचवीं पीढी (Fifth Generation) 

FIFTH GENERATION COMPUTER

कम्प्यूटर की पांचवीं पीढी की शुरूआत 1989 से मानी जाती है। इस जनरेशन में आई सी की आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाने लगा था। IC की यह तकनीकी ULSI थी इसका पूरा नाम Ultra Large Scale Integration है। इसमें हाई लेविल भाषा का प्रयोग प्रोग्रामिंग कि लिये किया जाता जो अधिक सरल है। इन भाषाओं में GUI Interface का प्रयोग किया जाता है।

अगली पीढ़ी के कम्प्यूटर (Next Generation of Computer) 

  1. नैनो कम्प्यूटर (Nano Computer) – नैनो स्तर (10-9m) पर निर्मित नैनो ट्यूब्स के प्रयोग से अत्यन्त छोटे व विशाल क्षमता वाले कम्प्यूटर के विकास का प्रयास किया जा रहा है।
  2. क्वांटम कम्प्यूटर (Quantum Computer) –यह प्रकाश के क्वांटम सिद्धान्त पर आधारित है जिसमें आकड़ों का संग्रहण और संसाधन क्वांटम कण कहते है। ये कहते है। ये कण युग्म में रहते हैं और इन्हें ‘क्यू बिट्स’ कहते है।


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